27 मई 2020 गुरुवार!  "हंसी का जीवन में महत्व" सोचिए अगर जिंदगी में हंसी न हो तो कैसा लगेगा ,सब कुछ नीरस और उदास उदास !जिंदगी में अगर हंसी खुशी ना हो तो मजबूत से मजबूत व्यक्ति के लिए भी हौसला बनाए रखना मुश्किल होगा !अगर आप खुश हैं तो जिंदगी में मिली नाकामियों को भी आप स्वभाविक घटना मानकर आगे बढ़ सकते हैं ! आप खुद से कह सकते हैं कि, जिंदगी में हार- जीत कामयाबी -नाकामी तो लगी ही रहती है ! महत्वपूर्ण यह होता है कि उस दौर से हमने क्या सीखा !बिना आपा खोए अपनी भूल स्वीकार कर लेना भी उन्हीं लोगों के बस की बात है  जो हार में भी, मुश्किलों में भी जो हंसता मुस्कुराता हो तो जीत और खुशी उससे ज्यादा दूर नहीं रह सकती पहले के लोग छोटी-छोटी चीजों में भी खुशियां ढूंढ लेते थे और आजकल बड़ी-बड़ी खुशियों में भी तनाव ! क्योंकि पहले के लोग सोशल मीडिया से नहीं जुड़े होते थे बल्कि सोशल हुआ करते थे और सोशल होने से कई गम और तनाव तो यूं ही दूर हो जाते थे ,अपनों के साथ बैठकर, मिलजुल कर बातें करने ,हंसी मजाक करने से ! आज व्यक्ति सोशल ना होकर "सोशल मीडिया" का ही होकर रह गया है !कहने को तो  सोशल मीडिया है परंतु इस सोशल मीडिया ने व्यक्ति को "सोशल" से दूर कर दिया है ! आज सारी बातें, सारी हंसी मजाक, सारे गिले शिकवे, सब कुछ खामोशी से हाथ में एक फोन भर लेकर बैठ जाने से हो जाते हैं ! आप देखेंगे कि 4 लोग भी अगर बैठे हैं तो वह आपस में बात ना करते हुए अपने अपने फोन को चलाते हुए उस में खोए रहते हैं मुस्कुराते रहते हैं चेहरे के हाव-भाव उनके बदलते रहते हैं !यही सोशल मीडिया है ! मगर "सोशल "का मतलब है ,समाज से जुड़े ,घर ,परिवार ,दोस्तों परिचितों के साथ वक्त बिताएं, हंसे हंसाए !क्योंकि इस छोटी सी जिंदगी को हंसते हंसाते खुश रहते बिताना ही सही अर्थों में जीना है !तो आप हर हाल में हंसते रहे, मुस्कुराते रहे अपनों के साथ रहे ! खुशियां खुद अपने आप आपके साथ होगी ! हमीदा कुरैशी      जनसंपर्क अधिकारी कैरियर कॉलेज भोपाल

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