कोरोना काल और शिक्षा प्रणाली मे परिवर्तन
शिक्षा ऐसी ताकत है जो जीवन मे सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करती है और भय, अंधकार, अज्ञान, अंधविश्वास, घृणा तथा हीन भावना से मुक्त करती है। वह अनंत है, ऊर्जा और उत्साह से भरी है, इसमें किसी प्रकार का अवसाद या किसी भी तरह की हताशा नहीं है। शिक्षा मनुष्य की सोच व समझ को नवीन अर्थ प्रदान करती है जो उन्हें सकारात्मक परिणामों की ओर ले जाता है। जो व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक समस्याओं से बचाते है। शिक्षा वर्तमान तथ्यात्मक परिस्थितियों के साथ समायोजन कर ते हुए, नवीन संभावनाओ का निर्माण करती है। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य सीखना है और जीवन की विभिन्न परिस्थितियों के साथ समायोजित होकर उसे संरक्षित करना है।कोविड काल ने शिक्षा के वास्तविक स्वरूप को ओर अधिक विस्तृत कर दिया हैं। शिक्षा ही ऐसा साधन है जिसने वतर्मान मे समाज को विपरीत परिस्थितियों मैं भी उर्जा प्रदान की है। कोविड 19 और उसके निवारक उपायों के प्रभावों ने छात्रों, अभिवावकों और शिक्षकों के जीवन को प्रभावित किया है। चाहे जो भी हो अन्य क्षेत्रों के बावजूद, इस वैश्विक चुनोती ने शिक्षा के क्षेत्र मे अच्छा काम किया है, दुनिया भर...