पर्यावरण प्रदूषण और संरक्षण



  • 5 जून 2020" पर्यावरण प्रदूषण और संरक्षण " पर्यावरण प्रदूषण आज का सबसे बड़ा ज्वलंत मुद्दा है ! पर्यावरण कितनी बेदर्दी से प्रदूषित किया गया है जिसका असर हम सभी देख रहे हैं और उसका हम खमियाजा भी भुगत रहे हैं ! पेड़ों का कटना, लंबे-लंबे अपार्टमेंट का बनना ,मोटर गाड़ियों से होने वाले धुआ और ध्वनि प्रदूषण का बढ़ना, बिजली पानी की ज्यादा खपत आदि पर्यावरण पर प्रभाव डाल रहे हैं ! हमारा देश संस्कारों का देश है !यहां नदी तालाब, फल फूल ,पेड़ पौधे , पशु पक्षी पूज्य जाते हैं तो कहां गई हमारी परंपराएं हमारे संस्कार ! आज व्यक्ति ने अपने सुख साधनों के लिए पेड़ों को काटा है जिसकी जगह ली है ऊंची ऊंची इमारतों ने  जिसमें पशु पक्षियों की कोई जगह नहीं ,हरियाली की कोई जगह नहीं !  जबकि पहले घर के आंगन में पशुओं के बाड़े हुआ करते थे, घर की मुंडेरे पक्षियों की चहचहाहट से गुंजा करते थे !  परंतु यह सब अब कहां ! दक्षिण एशिया जिसकी आत्मा हमारा देश है इसे मौसम चक्र की सबसे आदर्श जगह माना जाता है !  यहां अरब देशों जैसी तेज गर्मी नहीं पड़ती तो पश्चिमी अफ्रीका जैसी भीषण बारिश भी नहीं होती और यूरोप जैसा ठंडा देश भी नहीं है !हमारे देश में हर मौसम का एक समय निर्धारित है और मौसम का चक्र उसी दूरी पर घूमता है परंतु विगत कुछ वर्षों से पर्यावरण का संतुलन खराब होने का असर हमारे मौसम चक्र पर भी पड़ा है ! सर्दी और बारिश के मौसम की अवधि धीरे-धीरे कम होती जा रही है और गर्मी की अवधि में इजाफा होता जा रहा है बेमौसम बरसात ,चक्रवाती तूफान इसी का संकेत है ! आपको पता ही है कि हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है ! जिसका उद्देश्य ही यही है कि हम पर्यावरण के प्रति सतर्क रहें सजग  रहें !  कोयल कूकती है हमराही में, मेंढक टर्राते है बारिश में, मोर के पंखों पर सिक्के होते हैं, हिरण झुंड मैं चलते हैं, नदी कलकल बहती है  ! यह महज तहरीर ही नहीं है बल्कि सही है ! यह सब आपने भी देखे होंगे ! मगर क्या हमारी आने वाली पीढ़ी यह सब देख पाएगी या फिर वह महज ड्राइंग में ही प्रकृति देखेगी !हमारी आने वाली पीढ़ी को हमें स्वच्छ और स्वस्थ हरी-भरी प्रकृति देना है तो हमें जागरूक होना पड़ेगा ! हमें पर्यावरण के संरक्षण में अपने अपने स्तर पर कदम उठाने होंगे ! कम से कम हम इतना तो कर ही सकते हैं कि हरियाली को अपने घर आंगन में अपनी बालकनी में जगह दे ! यह हरियाली ना सिर्फ सौंदर्य की दृष्टि से बल्कि सेहत की दृष्टि से भी लाभदायक होती है ! भला ऐसा कौन व्यक्ति होगा जिसे प्रकृति ना भाती हो ! प्रकृति के साथ कुछ वक्त बिताना पूरे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है ! अध्ययन भी बताते हैं कि इंसान स्वभाव से ही प्रकृति प्रेमी है  परंतु आज व्यक्ति समय के अभाव के कारण प्रकृति से दूर हुआ है ! आज हम यह संकल्प लें कि हम पर्यावरण संरक्षण करेंगे और थोड़ा समय प्रकृति के साथ जरूर बिताएंगे, जिंदगी को स्वस्थ एवं खुशहाल बनाएंगे !

हमीदा कुरैशी जनसंपर्क अधिकारी कैरियर कॉलेज भोपाल

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