समय प्रबंधन और हमारा स्वास्थ्य

2 जून 2020
"समय प्रबंधन और हमारा स्वास्थ्य"   गौतम बुद्ध ने कहा है -"हर मनुष्य अपने स्वास्थ्य का खुद ही लेखक होता है" ! कहते भी हैं स्वास्थ्य शरीर निरोगी काया जीवन में सबसे बड़ा सुख है !  सुख-सुविधाओं के कितने भी साधन हो परंतु अगर शरीर स्वस्थ ना हो तो उन सुविधाओं का आनंद नहीं लिया जा सकता !अगर यह कहा जाए कि वह इंसान दुनिया का सबसे खुशनसीब इंसान हैं जिसके पास निरोगी काया है यानी स्वास्थ्य शरीर है तो अतिश्योक्ति नहीं होगा!  आज के दौर में हमारा खान-पान, रहन सहन, हमारी जीवनशैली ही ऐसी हो गई है कि कुछ ना कुछ सेहत संबंधी तकलीफ है होती ही रहती हैं ! खानपान की बात करें तो खानपान की चीजों में मिलावट भी बिगड़ी सेहत का कारण है ! जल्दी और ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में फल ,अनाज ,सब्जियां इन सब की पैदावार में ऐसी खादों का इस्तेमाल किया जाता जो हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं ! जिसके कारण गैस, एसिडिटी ,जलन ,शुगर आदि कई बीमारियां आम हो रही है!  अब सोचने की बात यह है कि इन चीजों को हम घर में तो उगा नहीं सकते मगर हम एक काम तो कर सकते हैं वह यह कि दादी नानी के नुस्खे को नुस्खा को अपना सकते हैं जैसे पानी का सेवन अधिक से अधिक करना क्योंकि पर्याप्त पानी पीने से शरीर के सभी अंगो को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं इससे शरीर में जमा विषैले पदार्थ भी निकल जाते हैं ! मॉर्निंग वॉक और योगा को दिनचर्या का हिस्सा बना सकते हैं !  सुबह-सुबह ठंडी ठंडी हवाओं के झोंकों के साथ मॉर्निंग वॉक और योगासन ,स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं साथ ही ऊर्जावान भी बनाते हैं ! स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा 1948 में जिनेवा में पहली बार विश्व स्वास्थ्य सभा रखी गई जहां पर 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाने का फैसला लिया गया और यह स्वास्थ्य दिवस पहली बार 7 अप्रैल 1950 को पूरे विश्व में मनाया गया इस तब से लेकर अब तक हम प्रत्येक वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाते आ रहे हैं ! जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है ! अपने स्वास्थ्य के प्रति हर व्यक्ति को जागरूक होना चाहिए और इस समय तो समय की मांग ही यही है कि आप अपना इम्यूनिटी पावर बढ़ाएं। इम्यूनिटी पावर अच्छी होने से बहुत हद तक बीमारियों से बचाने में मदद मिलती है।  आज के वक्त में इंसान ने अपनी जिंदगी को मशीन बना लिया है । ना वक्त से सोना ना वक्त से उठना ना ही वक्त से खाना । यदि दिनचर्या में योग मेडिटेशन और सुबह की सैर को स्थान दें तो यकीनन इस भागमभाग भरी जिंदगी में भी खुश और सेहतमंद रहा जा सकता है । 
हमीदा कुरैशी जनसंपर्क अधिकारी कैरियर कॉलेज भोपाल

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